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एस आई आर में राहत देने निखिल भारत बंगाली समन्वय समिति ने गृह मंत्री अमित शाह जी को लिखा पत्र

जीवानंद

जगदलपुर: निखिल भारत बंगाली समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुबोध विश्वास जी ने वर्तमान देश में हो रही एस आई आर को लेकर बंगला भाषी हिंदुओं किभविषय को लेकर चिंता जाहिर की .....एस आई आर शुरू होने से धार्मिक कारणों से बंगला देश से आए बंगालियों को कितना परेशानी हो सकता है इसकी जानकारी देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह जी को अवगत कराए है जो इस प्रकार है

                     प्रस्ताव पत्र

  1. यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में एवं हिंदू बंगाली शरणार्थियों को सुरक्षा और नागरिकता प्रदान करने के आपके सतत प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया गया। तथापि, वर्ष 2024 में सीएए नियमों के अधिसूचित होने के पश्चात अधिकांश हिंदू बंगाली शरणार्थी आवेदन प्रक्रिया की जटिलताओं के कारण इन नियमों के अंतर्गत आवेदन करने में असमर्थ हैं।
    आवेदन प्रक्रिया में बांग्लादेश के पूर्ण पते का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है, परंतु दुर्भाग्यवश अधिकांश हिंदू बंगाली शरणार्थियों के पास ऐसे दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं। अतः यह विषय गंभीर मानवीय दृष्टिकोण से पुनर्विचार योग्य है।

  2. यह विनम्र निवेदन है कि धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 से पूर्व बांग्लादेश से भारत आने वाले सभी व्यक्तियों को, सीएए के प्रावधानों के अनुरूप, 31 दिसंबर 2024 तक पात्र एवं मान्य माना जाए

  3. हाल ही में पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों में मतदाता पहचान पत्र (सीएआर) का पुनरीक्षण कार्य चल रहा है। ऐसे में जिन हिंदू शरणार्थियों के नाम 2002 की मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं, वे गहन संकट और भय की स्थिति में हैं।
    अतः यह अनुरोध है कि भारत में रह रहे सभी बंगाली हिंदू शरणार्थी एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक, जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आए हैं तथा पूर्व में चुनाव में भाग ले चुके हैं, उन्हें नई मतदाता सूची में पंजीकृत किया जाए
    यह शरणार्थियों के मानवीय अधिकारों से जुड़ा विषय है, अतः इसे विशेष मामले के रूप में देखा जाना आवश्यक है।

  4. कई ऐसे लोग जिन्होंने सीएए नियमों के तहत पंजीकरण कर नागरिकता प्रमाण-पत्र प्राप्त किया है, उन्हें भारतीय पासपोर्ट जारी नहीं किया जा रहा है, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
    अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि संबंधित पासपोर्ट अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि वे सीएए प्रमाण-पत्र प्राप्त सभी व्यक्तियों को शीघ्र पासपोर्ट जारी करें।

  5. आपके दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति गहन सम्मान व्यक्त करते हुए यह उल्लेख करना उचित होगा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में दिनांक 02 सितंबर 2025 (CG-DL-02092025-265884) को एक महत्वपूर्ण अध्यादेश पारित किया गया है, जिसके कार्यान्वयन हेतु आपने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं।
    इस अध्यादेश के अनुसार, जो व्यक्ति धार्मिक उत्पीड़न या उसके भय से भारत में शरण लेने के लिए बाध्य हुए हैं और 31 दिसंबर 2024 या उससे पूर्व बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश किए हैं, उन्हें कानूनी छूट प्रदान की गई है।
    अतः अनुरोध है कि सभी ऐसे पात्र एवं छूट प्राप्त व्यक्ति जो वर्तमान में जेल में निरुद्ध हैं, उन्हें तत्काल रिहा किया जाए।



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