बस्तर गोंचा पर्व का शुभारंभ देव स्नान चंदन जात्रा पूजा विधान के साथ हुआ। 11 जून को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के नेतृत्व में संपन्न करवाया गया। इस अवसर पर भगवान शालीग्राम का पंचामृत, चंदन एवं इंद्रावती नदी के पवित्र जल से अभिषेक कर विधि-विधान से देव स्नान पूर्णिमा चंदन जात्रा पूजा विधान संपन्न किया गया।
*अनसर काल:*
- 12 जून से 25 जून तक अनसर काल में प्रभु जगन्नाथ के नहीं होंगे दर्शन।
- इस दौरान भगवान जगन्नाथ अस्वस्थ होते हैं और दर्शन वर्जित होते हैं।
*बस्तर गोंचा पर्व का कार्यक्रम:*
- 26 जून को नेत्रोत्सव पूजा विधान के साथ प्रभु जगन्नाथ के दर्शन होंगे।
- 27 जून को श्रीगोंचा रथ यात्रा पूजा विधान के साथ भगवान जगन्नाथ जनकपुरी सिरहासार भवन में नौ दिनों तक श्रृद्धालुओं के दर्शनार्थ स्थापित होंगे।
- 30 जून को अखण्ड रामायण पाठ प्रारंभ होगा।
- 1 जुलाई को हेरा पंचमी पूजा विधान होगा।
- 2 जुलाई को छप्पन भोग अर्पण होगा।
- 4 जुलाई को सामूहिक उपनयन संस्कार होगा।
- 5 जुलाई को बाहुड़ा गोन्या रथ यात्रा एवं कपाट फेड़ा पूजा विधान होगा।
- 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ बस्तर गोंचा पर्व का समापन होगा।
*विशेष आयोजन:*
- अनसर काल के दौरान भगवान जगन्नाथ की सेवा 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के सेवादारों एवं पंडितों के द्वारा की जाएगी।
