बस्तर में शिक्षा व्यवस्था की स्थिति वास्तव में चिंताजनक है। विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा है कि सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में बड़ा अंतर है। छत्तीसगढ़ में स्कूलों की स्थिति बहुत खराब है, कई स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं और शिक्षकों की कमी है।
*बस्तर में शिक्षा व्यवस्था की समस्याएं:*
- *किताबों की कमी*: बस्तर जिले के शासकीय स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हुए दो महीने बीत जाने के बाद भी पुस्तक वितरण नहीं हो पाया है, जिससे छात्रों को मजबूरन बाहर से किताबें खरीदनी पड़ रही हैं।
- *जर्जर स्कूल भवन*: बस्तर संभाग के 7 जिलों में 1542 स्कूल भवन बेहद खराब हालत में हैं, जिनमें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
- *शिक्षकों की कमी*: दुर्ग जिले के एक स्कूल में 11वीं की छात्राएं कॉमर्स की पढ़ाई के लिए संघर्ष कर रही हैं क्योंकि वहां एकमात्र शिक्षक हैं जो दिव्यांग हैं और ब्लैकबोर्ड पर पढ़ा नहीं सकते ¹ ²।
विधायक लखेश्वर बघेल ने 10 दिनों के भीतर सभी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचने पर जन आंदोलन करने की चेतावनी दी है। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए और छात्रों को उनके अधिकार दिलाए। ³ में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा के लिए अपने कुल बजट का 18.57 फीसदी रखा है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। सरकार को शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए और अधिक प्रयास करने होंगे।
