कोरापुट ओडिसा:-आज ओडिशा के कोरापुट में निखिल भारत बंगाली समाज समिति द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में शरणार्थी बंगालियों की चिंताओं और मांगों पर चर्चा की गई। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और शरणार्थी बंगालियों के अधिकारों और भविष्य के बारे में चर्चा की।
- शरणार्थी बंगालियों को बिना शर्त नागरिकता दी जाए।
- अप्रवासी अधिनियम और विदेशी अधिनियम को शरणार्थी बंगालियों पर न थोपा जाए।
- शरणार्थी बंगालियों के अस्तित्व के लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
- बेदखली तुरंत रोकी जाए।
- भूमि का अधिकार और बंगाली भाषा को आधिकारिक मान्यता दी जाए।
- जाति व्यवस्था को आधिकारिक मान्यता दी जाए।
*सम्मेलन के उद्देश्य:*
- शरणार्थी बंगालियों की चिंताओं और मांगों पर चर्चा करना।
- संगठन को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए रणनीति बनाना।
- शरणार्थी बंगालियों के अधिकारों और भविष्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
*सम्मेलन की विशेषताएं:*
- विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों की भागीदारी।
- शरणार्थी बंगालियों की चिंताओं और मांगों पर खुली चर्चा।
- संगठन को मजबूत बनाने के लिए रणनीति बनाने पर जोर।
सम्मेलन में शरणार्थी बंगालियों की चिंताओं और मांगों पर चर्चा करने और संगठन को मजबूत बनाने के लिए रणनीति बनाने पर जोर दिया गया।
सम्मेलन में शामिल राज्य कमेटी
इस सम्मेलन में देश के सभी राज्य से प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के जिला प्रतिनिधि शामिल हुए
संगठन को जिला..व विकासखण्ड से लेकर ग्रामीण स्तर में बिस्तर के लिए जोर दिया गया.....
आगामी सम्मेलन छत्तीसगड़ के जगदलपुर में आयोजित के लिए प्रस्ताव रखा गया
जिला अध्यख जीवानंद हालदार ने कहा
विस्थापित बंगालियों का संख्या छत्तीशगढ़ में।लगभग 25 से 30 लाख परिवार है जो बीते 50 सालों से अपनी अधिकार के लिए लड़ाई जारी रखा जो आगे भी जारी रहेगा
हम किसी से भीख नही मांगे..हम अपने अधिकार मांगे इस लिए अपने संगठन को और मजबूत बनाना है
