बस्तर में सर्व आदिवासी समाज ने जनजातीय गणना शुरू की है, जो अपने आप में एक अनोखा कदम है। समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि सरकार की गणना पर भरोसा न होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। इस गणना के माध्यम से वे आदिवासी समुदाय के लोगों की जानकारी इकट्ठा करेंगे, जिसमें उनके नाम, पते और घरों की जानकारी शामिल होगी।
इस कदम का उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति को उजागर करना है, क्योंकि पिछली जनगणना में कई आदिवासी गांवों को वीरान बताया गया था। साथ ही दक्षिण बस्तर के कई गांवों की जनगणना नहीं की गई थी। इस गणना से यह भी पता चलेगा कि कौन सा वर्ग किस क्षेत्र में कितना निवास कर रहा है।
कांग्रेस पार्टी ने इस पहल का स्वागत किया है और कहा है कि समाज अब जागरूक हो चुका है और यह कदम सराहनीय है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि समाज का यह कदम अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता को दर्शाता है ¹।
