पखांजुर (काँकेर):-ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने केन्द्रीय कमेटी के आह्वान पर पुरे देश के साथ पखांजूर अनुविभागीय अधिकारी रा.कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किसानों को उनके समस्त उत्पाद का एमएससी की कानूनी गारंटी के मांगो पर प्रधानमंत्री, कृषिमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि के नाम पर एसडीएम का अनुपस्थिति में तहसीलदार के हाथो ज्ञापन सौपा।किसानों का समस्त उत्पादित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानुनी गारंटी करों ।
बेमौसम ओलावृष्टि तुफानी हावा से बर्बाद हो चुके फसलों का जल्द मुआवजा राशि भुगतना करों।, अध्यक्ष अजित मिस्त्री, सचिव अनिमेष विश्वास लक्ष्मी निषाद आदि ने कहां है की आज देश में अत्यधिक द्रव्य मूल्य के बाजार में किसानों का फसल का लागत खर्च बहुत अधिक बैंकों ,महाजनों, समितियों आदि से कर्ज लेकर फसल उत्पादन कर रहे है ।अधिक लागत का फसल किसान जब उनके उत्पादित फसल को बिक्री करने की समय होती है तब उद्योग पतियो के नियत्रित बाजार में फसल बिक्री हेतु किसानों के लिए भाव इतना काम कर दिया जाता है कि उनकी लागत खर्च तक नहीं मिलता है और किसान वर्षों के वर्ष में कर्ज तले दबे जा रहे हैं चंद वर्षों में लाखों किसानों ने कर्ज तले दबे आत्महत्या करने को मजबूर हुआ है ।कोषाध्यक्ष महेश मण्डल ,बासुदेव दत्ता, प्रकाश मण्डल आदि ने बताया है की बेमौसम बारिश तुफानी हावा के कारण लहलती फसलें बर्बाद हो चुका है । शासन स्तर पर सर्वे किया गया है ।परंतु वर्तमान दिवस तक पीड़ित किसानों के पारिवार के परिजनों का जीविका हेतु मुआवजा एवं फसल उत्पादन करने में आवश्यक सामाग्री एवं ब्याज रहित नगद आर्थिक लोन आदि पर शासन - प्रशासन चुप है और अन्नदाता की परिस्थिति बहुत खराब हो रहा है। परिवार की दैनन्दिनी गुजर बसर में बहुत कठिन एवं नाजु हालत से गुजरने मजबूर है।सह सचिव जयंत सरकार ने कहाँ है की पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय शुमन विश्वास पखांजूर का कोचिया व्यापरी ने धोखाधडी करके लगभग आठ कड़ोर रुपये ,लगभग एक हजार किसानों का मक्का खरिदे और उनके मक्का फसल का बिक्री राशि किसानों को भुगतना नहीं किया इस की खबर उस समय जिम्मेदारी के पद में रहे शासन - प्रशासन को ज्ञात होने पर तत्काल कार्यवाही करके जल्द ही एक कड़ोर राशि भुगतान किया परंतु आज लगभग चार साल बितने वाले है परंतु एक हजार पीड़ित किसानों को उनके अधिकार हक की राशि उन्हें प्राप्त नहीं हुआ।पीड़ित परिबार बर्बादी के नाजुक स्थिति में दिन बिताने मजबूर है । पीड़ित किसानों को उनके मक्का बिक्री के लगभग सात कड़ोर जल्द भुगतान करेने की म़ाग की है।मांगे :- (हर प्रकार की फसलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य) MSP का कानूनी गारंटी दो, नई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति रद्द करो, कानून 29 श्रम कानूनों की जगह 4 श्रोम कोड रद्द करो • खाद-बीज, किटनाशक कृषि सामाग्रियों को अनुदान के साथ उचित मूल्य में दो • 2023 संशोधित बिजली बील रद्द करो • स्मार्ट मीटर लगाना बंद करो •बीजली का बाजारीकरणळे व्यापारीकरण नीति रद्द करों • संविदा, एनएचएम मितानिन (आशा)
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, रोसोईया, साफाई कर्मी, नगर पंचायत, नगर निगम, नगरपालिका कर्मचारी, सहायक सचिव, सचिव, जनभागीदारी कर्मी कंट्राकट कर्मचारी आदि समस्त अनियमित कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान,ग्रेचुएटी, अनुकम्पा नियुक्ति, पेंशन शासकीय कर्मचारी के रुप में नियमित करों • समस्त नशीली पदार्थों का व्यापार एवं प्रचार प्रसार शराब बंद करो • हर सरकारी उद्योग का नीजिकरण करने की नीति रद्द करो । श्रमिकों की छटनी करना बंद करो •दैनिक आवश्यक बस्तुओं का मूल्य बृद्धिदर पर रोक लगाओ, बाजार दर और महंगाई कम करो • बेरोजगारों को नियमित स्थाई रोजगार दो, रोजगार देना होगा। बेरोजगारी भत्ता दो • खेतीहर मजदूर एवं समस्त श्रमिकों को नियमित सालभर काम दो • हसदेव जंगल व अन्य जंगलों को उजारना बंद करो एवं अन्य तमाम जंगलों की खनिज, वन सम्पदा, वन भूमी, खेतीहर जमीन उदयोग पतियों के हाथो देना बंद करो।भूमि हीन श्रमिक किसानों को भूमि आवंटन करो आदि मांगे की है।
